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अखिलेश की नजर अब 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर है और उसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अभी से यह दिखाना शुरू कर दिया है कि पार्टी उन्हीं के हाथों में रहेगी। पार्टी के नए चुनावी स्लोगन में अखिलेश की यह मंशा साफ नजर आ रही है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव की इसे लेकर क्या प्रतिक्रिया आती है।
बता दें कि इस बीच अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव ने अलग-अलग नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुला ली है। अखिलेश यादव ने 28 तो मुलायम ने 29 मार्च को विधायकों की बैठक बुलाई है। इसके पहले विधानसभा चुनाव में हार पर मंथन करने के लिए बुलाई गई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मुलायम सिंह यादव और शिवापल यादव शामिल नहीं हुए थे। उनका कोई करीबी नेता भी बैठक में नहीं पहुंचा था।
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