उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि धाम शिलान्यास के मुद्दे ने अब सियासी तूल पकड़ लिया हैं जिसके आधार अब यह कहा जा सकता हैं कि धार्मिक भावनाओं से जोड़कर देखा जा रहा हैं। और कल्कि महोत्सव के होने से पहले धर्म सभा बुलाई गई जिस पर देश भर के राजनीतिक और धार्मिक क्षेत्र के दिग्गजों ने जमकर कटाक्ष किए। इस कार्यक्रम को संभालने का कार्य सुधांशु जी महाराज कर रहे हैं।
संभल में कल्कि धाम शिलान्यास पर पूर्व सांसद डा. शफीकुर्रहमान बर्क खुली चेतावनी दे चुके हैं कि यदि शिलान्यास हुआ तो मुसलमान सड़कों पर उतरेंगे। तमाम मुस्लिम संगठन और उलेमाओं ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर इसका विरोध किया था। वहीं, तमाम मुस्लिम जनता कल्कि निर्माण के पक्ष में हैं। कुछ मुस्लिम व्यापारियों ने कल्कि मंदिर निर्माण के लिए आर्थिक सहायता भी दी है। मुस्लिम किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर संभल में आचार्य प्रमोद कृष्णम और कल्कि शिलान्यास के विरोध में भड़काऊ पोस्टर चिपकाने का आरोप है। प्रशासन उन्हें नोटिस भी जारी कर चुका है।वहीं मुस्लिम संगठनों के विरोध के बाद रविवार देर शाम कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम को भी प्रशासन ने नोटिस थमाकर कल्कि शिलान्यास पर पाबंदी लगा दी है। उधर, सोमवार को 11 बजे कल्कि धाम का शिलान्यास होना था। लेकिन पाबंदी के बाद कार्यक्रम को धर्मसभा में बदला गया है।
कार्यक्रम के दौरान प्रदेश सरकार और केंद्र की भाजपा सरकार को निशाने पर लिया गया। जमकर शब्दबाण चलाए गए। उधर, कार्यक्रम स्थल से बाहर का माहौल भी गर्माया हुआ है। उलेमा और मुस्लिम संगठन पल-पल की खबर ले रहे हैं। कार्यक्रम स्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद है। प्रशासन साफ कह चुका है कि किसी कीमत पर शिलान्यास नहीं होने दिया जाएगा। कार्यक्रम में देश भर के संत समाज और धर्म सज्जनों की करीब तीन हजार संख्या पंडाल में मौजूद हैं। चार जनपदों की फोर्स भी कार्यक्रम स्थल पर मौजूद है। इस बीच दिग्गजों की मौजूदगी में संत समाज ने कल्कि मंदिर के मॉडल का लोकार्पण कर दिया है।
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