आरजेडी नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन की जमानत सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दी है। अब उन्हें वापस जेल जाना पड़ेगा। जमानत मिलने के बाद से ही इस पर काफी हंगामा हो रहा था। नीतीश सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई थी। बिहार में गुंडाराज की वापसी का आरोप लगेने लगे थे।
नीतीश सरकार ने दी थी जमानत रद्द करने की अर्जी
बिहार सरकार ने शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करने के को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। पटना हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद 10 सितंबर को शहाबुद्दीन जेल से बाहर आया था। शहाबुद्दीन के बाहर आने को लेकर नीतीश सरकार की काफी किरकिरी हो रही थी। लालू इसे कोर्ट का फैसला बताकर बचाव कर रहे थे, लेकिन उनकी मर्जी के खिलाफ विपक्ष के दबाव में सरकार को सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा।
फरवरी महीने में ही हाईकोर्ट ने 9 महीने में ट्रायल पूरा करने को कहा था। लेकिन आरोप लगता है कि नीतीश सरकार ने हाईकोर्ट में ठीक से पैरवी नहीं की इसलिए शहाबुद्दीन को बाहर आने का मौका मिला। 11 साल बाद बाहुबली और हत्या सहित कई संगीन आरोपों में दोषी साबित हो चुका शहाबुद्दीन इस वक्त रिहा है। लेकिन अब जेल जाना पड़ेगा।
चंदा बाबू ने भी दायर की है याचिका
चंदा बाबू ने भी वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के जरिए भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी। चंदा बाबू के तीन बेटों की तेजाब से हत्या कर दी गई थी। इसके साथ ही हिंदी दैनिक हिंदुस्तान के ब्यूरो चीफ राजदेव की हत्या का आरोप भी शहाबुद्दीन पर है।