उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के कार्यकाल (2012-2017) के दौरान गौशालाओं को दिए जाने वाले सरकारी आवंटन का 86 फीसद, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की भाभी और मुलायम सिंह यादव के दूसरे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव के एनजीओ को मिले थे। यह खुलासा एक आरटीआई के जवाब में हुआ है। राज्य में अखिलेश यादव के कार्यकाल के दौरान, गौसेवा आयोग से मिलने वाले गौशाला फंड्स का बड़ा हिस्सा अपर्णा याजव के एनजीओ जीव आश्रय को गया है। जीव आश्रय राज्य के अमौसी इलाके के पास स्थित कान्हा उपवन गौशाला के संचालन का काम देखता है। आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, बीते पांच सालों में गौसेवा आयोग ने कुल 9.66 करोड़ रुपये के आवंटन किए जिनमें से 8.35 सिर्फ अपर्णा यादव के एनजीओ को मिले।
आरटीआई के जरिए मिली जानकारी के मुताबिक, एनजीओ जीव आश्रय को वित्त वर्ष 2012-13 में 50 लाख, 2013-14 में 1.25 करोड़ और 2014-15 में 1.41 करोड़ रुपये, गौसेवा आयोग द्वारा आवंटित किए गए। ठीक इसी तरह वित्त वर्ष 2015-16 में 2.58 करोड़ रुपये और 2016-17 में 2.55 करोड़ और, एनजीओ जीव आश्रय को आवंटित किए गए थे। वहीं जारी वित्त वर्ष (2017-18) में विभिन्न गौशालाओं को 1.05 करोड़ रुपये आवंटित किए गए जबकि जीव आश्रय को अभी तक कोई राशि आवंटित नहीं की गई है। वहीं इस साल जिस गौशाला को सबसे ज्यादा राशि आवंटित की गई है वह ललितपुर की दयोदय गौशाला है। इस गौशाला को 63 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं।
टाइम्स ग्रुप की खबर के मुताबिक सोशल ऐक्टिविस्ट नूतन ठाकुर द्वारा दायर की गई आरटीआई में यह खुलासा हुआ है। मामले को लेकर नूतन ठाकुर ने कहा, “फंड की रकम का 80 फीसद से ज्यादा किसी एक एनजीओ को देना इस बात की और साफ इशारा करता है कि पिछली सरकार के कार्यकाल में भाई-भतीजावाद की राजनीति की गई।” बता दें अपर्णा यादव प्रतीक यादव की पत्नी हैं। उन्होंने बीते विधानसभा चुनाव में लखनऊ कैंट सीट से बीजेपी उम्मीदवार रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ चुनाव लड़ा था जिसमें वह हार गई थीं।
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