15 साल की स्कार्लेट कीलींग की हत्या के आरोपियों को शुक्रवार (23 सितंबर) को गोवा कोर्ट द्वारा बरी कर दिया गया। यह केस आठ साल से चल रहा था। गौरतलब है कि गोवा के एक बीच पर 15 साल की ब्रिटिश लड़की स्कार्लेट कीलिंग की बॉडी मिली थी। दो लोगों पर उसके साथ बलात्कार करके उसकी हत्या करने का आरोप लगा था। जिन लोगों पर यह आरोप था उसमें से एक का नाम सैमसन डिसूजा था और दूसरे का पालसिडो कारवालहो। दोनों गोवा में बीच पर बनी झोपड़ियों की देखरेख का काम करते थे। एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, दोनों पर आरोप था कि उन्होंने स्कार्लेट की कॉकटेल में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे पिलाया था। स्कार्लेट की बॉडी 19 फरवरी 2008 को मिली थी। कोर्ट के इस फैसले से स्कार्लेट की मां फिवोना मैकोअन काफी दुखी हैं। वह ब्रिटेन से केस के लिए ही गोवा आई थीं। निर्णय आने से पहले उन्होंने मीडिया से बात भी की थी। उन्होंने कहा था कि वह काफी नर्वस हैं। लेकिन उन्हें उम्मीद थी कि आज उनका इंतजार खत्म हो जाएगा।
इस केस को पहले गोवा पुलिस देख रही थी। उन्होंने हत्या को सुसाइड बताकर दबाना चाहा था लेकिन फिर केस को सीबीआई को सौंप दिया गया था। इसके बाद सीबीआई ने दो लोगों के खिलाफ चार्जशीट तैयार की थी। आठ सालों में केस को पांच अलग-अलग जजों ने देखा। केस में माइकल मैनियन नाम के एक ब्रिटिश की गवाही को नहीं माना गया। वह घटना का चश्मदीद था। लेकिन गवाही देते हुए वह नर्वस था।
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