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उन्होंने कहा कि भारतीय सेना को कश्मीरी कैसे भूल सकते हैं, जो हर समय मदद के लिए तैयार रहती है। जब बाढ़ आई तो कंधों पर उन्हें सुरक्षित स्थानों तक ले जाने वाली सेना थी। उधर इस मामले में रेहड़ी लगाने वाले दुकानदार ने कहा कि वह अनपढ़ है। उन्होंने सेब मंडी की एक फर्म से खरीदे थे, जिसके पास बाहर से सप्लाइ आती है। इसलिए उन्हें नहीं पता कि इस पर क्या लिखा गया है। उन्होंने कहा कि वह तो हर रोज सेब बेचते हैं। इस तरह का मामला पहली बार पता चला है। सेब पर भारत विरोधी प्रचार की सूचना के बाद गुप्तचर एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। सप्लाइ कहां से आई और कश्मीर की किस फर्म से सेब खरीदे गए हैं, जैसी सभी सूचनाएं एकत्रित कर रही हैं। इस मामले की शिकायत अभी पुलिस में नहीं दी गई है।
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