दिनेश की पत्नी सुशीला ने पत्रकारों को बताया कि शौचालय के लिए पैसा तो उनके खाते में आया है, लेकिन गांव के प्रधान ने इस शौचालय का निर्माण कराया है। उन्होंने बताया कि घर में शौचालय बनने के बाद भी वह बाहर ही शौच के लिए जाती हैं। उनके घर के सदस्यों को अब भी शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है।
वहीं, छतरपुर शहर में लक्षण कुशवाहा नाम के मजदूर ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत बने अपने शौचालय में किराना स्टोर खोल लिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शौचालय में दुकान चलाने वाले लक्ष्मण कुशवाहा का आरोप है कि नगरपालिका ने उनसे 8 महीने पहले 1400 रुपये लेकर एक शौचालय तो बनवा दिया और और इसमें शीट लगवा दी, लेकिन अभी तक शौचालय का काम अधूरा है।
लक्ष्मण का कहना है कि काम अधूरा होने के चलते इसमें उन्होंने दुकान खोल ली, ताकि कुछ पैसों की आमदनी हो जाए और परिवार का रोजी-रोटी चलता रहे। अब आलम यह है कि घर में बने शौचालय होने के बावजूद उनका पूरा परिवार खुले में शौच के लिए जाता है।































































