दिसंबर का महीना उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए तोहफों की बरसात लेकर आया है। यूपी कैबिनेट ने 17 पिछड़ी जातियों को दलित कोटे में शामिल करने का प्रस्ताव पास किया है। इनमें कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, प्रजापति, बाथम, गोंड, कश्यप, धीवर, बिंद, राजभर जातियां इनमें शामिल हैं।
चुनाव से पहले एक तीर से दो-दो निशाने साधने की फिराक में अखिलेश यादव ने गुरुवार सुबह लखनऊ में कैबिनेट की मीटिंग बुलाई और सत्रह अति पिछड़ी जातियों को दलित कोटे में शामिल करने का प्रस्ताव पास किया।
ऐसा माना जाता है कि पिछले लोकसभा चुनाव में इन जातियों की बड़ी आबादी सब मोदी लहर के साथ थे और अगर इन्हें दलितों में शामिल कर लिया गया तो फिर मायावती के लिए भी मुश्किलें बढ़ सकती है। मुलायम सिंह जब यूपी के सीएम थे, तो उन्होंने ये फैसला लिया था, लेकिन तब केंद्र ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। लेकिन अब अखिलेश ने फिर ये पुराना दांव आजमाया है।
आपको बता दें कि अगले साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव हैं, ऐसे में अखिलेश का ये दांव मायावती और बीजेपी दोनों के लिए मुश्किल पैदा करने वाला है। इसके अलावा सरकार ने कमजोर वर्ग के लिए ई-रिक्शा में राहत की सौगात दी। अखिलेश यादव ने ई-रिक्शा पर लगने वाला वैट को साढ़े 12 फीसदी से घटाकर चार फीसदी कर दिया है। बाजार में 60,000 रुपये से लेकर 80,000 रुपये के बीच ई-रिक्शा आ रहा है। सरकार के इस कदम से ई-रिक्शा 5 से लेकर 7 हज़ार रुपये तक सस्ता हो जाएगा।
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