उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक और कड़ा कदम उठाते हुए राज्य के वीआईपी नेताओं की सुरक्षा में कमी कर दी है। इनमें ज्यादातर नेता समाजवादी पार्टी के हैं जिनकी सुरक्षा में कटौती की गयी है या सुरक्षा पूरी तरह से वापस ले ली गयी है।
योगी सरकार ने अहम फैसला लेते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव, सपा नेता शिवपाल यादव, आजम खान और पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव की सुरक्षा श्रेणी को घटा दिया है। इनको पहले जेड (Z) श्रेणी की सुरक्षा मिली थी लेकिन अब उसको घटाकर वाई (Y) कर दिया है। हालांकि बीजेपी के फायरब्रांड नेता विनय कटियार की सुरक्षा को बढ़ाया गया है। अब उनको जेड श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है। सुरक्षा समिति की बैठक के बाद शासन ने यह निर्णय लिया। शासन ने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, मायावती व अखिलेश यादव की ‘जेड प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा बरकरार रखी है.।
इसके अलावा सपा एमएलसी आशु मलिक, वरिष्ठ सपा नेता अतुल प्रधान, राकेश यादव व पूर्व विधायक अभय सिंह समेत 100 नेताओं की सुरक्षा हटा ली गई है। हाल ही में गृह विभाग की बैठक के बाद पूर्व सरकार में नेताओं और मंत्रियों को दी गई सुरक्षा के संबंध में रिपोर्ट मंगाई गई। उसकी समीक्षा के बाद सुरक्षा घटाने का फैसला लिया गया।
ये हैं सुरक्षा की श्रेणियां
-जेड प्लस श्रेणी में 36 कर्मियों के सुरक्षा कवर में 10 एनएसजी कमांडो होते हैं।
-जेड श्रेणी में 22 कर्मियों के सुरक्षा कवर में चार या पांच एनएसजी कमांडो होते हैं।
-वाई श्रेणी में 11 कर्मियों के सुरक्षा कवर में एक या दो कमांडो होते हैं।
-एक्स श्रेणी में पांच या दो कर्मियों का सुरक्षा कवर होता है।
ऐसे मिलती है सुरक्षा
किसी राजनीतिक या विशिष्ट व्यक्ति को वीआइपी सुरक्षा देने का फैसला खतरे के आकलन के बाद होता है। खतरा होने पर सुरक्षा उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी होती है। सुरक्षा की मांग करने वाले को संभावित खतरा बता सरकार के समक्ष आवेदन करना होता है। इस पर खुफिया एजेंसियों से रिपोर्ट मांगी जाती है। खतरे की पुष्टि होने पर गृह सचिव, महानिदेशक और मुख्य सचिव की एक समिति यह तय करती है कि उसे संभावित खतरे के मद्देनजर किस श्रेणी की सुरक्षा दी जाए, जबकि मंडल स्तर पर कमिश्नर व जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति सुरक्षा का आकलन करती है।