यूपी में सपा सरकार ने राज्य में विभिन्न सीनियर नेताओं पर चल रहे लगभग 19 केसों को खत्म करने के लिए कोर्ट का रुख किया है। इन केसों में कथित पराध, दंगे, धोखाधड़ी, अपहरण से जबरन वसूली, यहां तक कि एक पर तो गैर इरादतन हत्या की भी मामला था। इसमें सिर्फ सपा के ही नहीं बल्कि कांग्रेस और बीजेपी पार्टी नेताओं के नाम भी शामिल हैं।
जिन लोगों के केस खत्म करने के लिए सपा सरकार ने कोर्ट से गुहार लगाई है उनमें सपा के 10 विधायकों के अलावा, बीजेपी सांसद राम शंकर कठेरिया और बीजेपी के सीनियर नेता और केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र का भी नाम शामिल है।
कहा गया कि याचिका ‘सार्वजनिक हित और न्याय के हित’ को ध्यान में रखकर डाली गई है। इंडियन एक्सप्रेस की पड़ताल में यूपी सरकार के कई अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की। कहा गया कि प्रशासन ने ही केस वापस लेने की अर्जी दी थी। वहीं इसकी वजह किसी ने साफ तौर पर नहीं बताई। सब चुनाव के दबाव की बात करते रहे। प्रमुख सचिव (गृह) देबोशीश पांडा ने इन केसों पर कुछ भी कहने से मना कर दिया। सरकार की तरफ से बात करते हुए सपा के कैबिनट मिनिस्टर और प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, “मेरे पास इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।”
जिन लोगों पर लगे केसों को हटाने के लिए राज्य सरकार ने कहा उसमें राजा भैया, सपा विधायक अभय सिंह, विजय मिश्रा का नाम शामिल है।
अगली स्लाइड में पढ़ें बाकी खबर