कायम रहेगी ‘आमची मुंबई’ की असल पहचान, मायानगरी की सड़कों पर फिर से दौड़ेगी विक्टोरिया। जी हां देर रात.. अंधेरे में मुंबई की सड़कों पर जब सजी-धजी विक्टोरिया दौड़ती थीं, तो इस आलीशान गाड़ी में शान का सफर करने की बात ही कुछ और थी। ये गाड़ी लोगों को शाही ठाठ का एहसास कराती थी। इसमें सफर करने वाले तो भरपूर आनंद लेते ही थे..दूर खड़े होकर देखने वालों के लिए भी ये किसी सुखद ऐहसास से कम नहीं था। मुंबई में विक्टोरिया पर प्रतिबंध लगे बमुश्किल एक साल का वक्त गुजरा है कि एक बार फिर इस विक्टोरिया को सड़कों पर उतारने की तैयारी हो रही है।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए कहा है कि पशुओं की क्रूरता विरोधी कानूनों का पूरा ध्यान रखते हुए महाराष्ट्र सरकार चाहे तो विक्टोरिया चलती रह सकती है। कोर्ट ने आगे कहा कि सरकार चाहे तो वह इसके लिए एक नई नीति बना सकती है या मौजूदा व्यवस्था के तहत बदलाव करके इस शौक और रोजगार को जारी रख सकती है।
दरअसल मुंबई उच्च न्यायालय ने साल 2015 में बृहन्मुंबई नगर निगम को निर्देश दिया था कि वह इस पर एक साल के भीतर रोक लगाएं। न्यायालय ने राज्य सरकार को इस फैसले से प्रभावित विक्टोरिया मालिकों और कोचमैन का पुर्नवास करने का भी निर्देश दिया था। सरकार ने बाद में कहा था कि पुर्नवास की नीति तय करने के लिए उसे कुछ समय चाहिए और बाद में इस उद्देश्य से गठित कमेटी ने 221 ऐसे लोगों की पहचान की थी जो प्रतिबंध से प्रभावित हुए थे।
उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह उदार रुख बरतते हुए कहा कि सरकार को एक नई नीति या नियम बनाने की जरुरत है जिसमें मनोरंजन के लिहाज से इन विक्टोरिया को चलाया जाए लेकिन घोड़ों का खास ध्यान भी रखा जाए।