शिकायतकर्ता महिला ने यह भी बताया कि उसका पति उसे किसी से बात नहीं करने देता था, वह 2006 में गर्भवती हुई और एक बेटे को जन्म दिया। साल 2001 में पति किसी और लड़की के चक्कर में पड़ गया और 2012 में पति का घर छोड़ वह पिता के घर लौट आई। वहां बेटी और उसके बच्चों को स्वीकार नहीं किया गया तो जीवनयावन के लिए उसने राजकोट में किराए पर एक कमरा लिया और घरेलू सहायक की तरह घरों में काम करने लगी। 10 वर्षों के बाद घर लौटने पर उसकी मां ने उसे पहचाना नहीं, वह यह भी जानती थी कि इस दौरान उसके पिता दुनिया में नहीं रहे।
आरोपी पति का कहना है कि शिकायतकर्ता उसकी पत्नी है और दोनों के 4 बच्चे हैं। उसने सवाल उठाया कि पत्नी ने 16 साल बाद रेप का ओरप क्यों लगाया। अपनी शिकायत में पीड़ित महिला ने कहा है कि उसके मालिक ने पति के खिलाफ ऐसी शिकायत करने के लिए कहा क्योंकि उसकी वजह से उसकी जिंदगी बर्बाद हो गई। दोनों साल 2012 से अलग रह रहे हैं। सरकारी वकील प्रवीन त्रिवेदी ने कहा कि अगर 13 की उम्र में कोई लड़की अपनी मर्जी से भी संबंध बनाती है तो यह गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है और जमानत याचिका नामंजूर कर दी जानी चाहिए।