जल्द खत्म हो जाएगा कैंसर, ये टेस्ट मिटा देगा इस जानलेवा बीमारी का नामो-निशान!

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इस स्‍टडी की अगुवाई करने वाले प्रोफेसर गेरथ जेनकिन्‍स ने कहा कि इस टेस्‍ट का नाम ‘स्‍मोक डिटेक्‍टर टेस्‍ट’ इसलिए रखा गया है क्‍योंकि जिस तरह घर में लगे स्‍मोक डिटेक्‍टर आग को नहीं बल्कि उसके बाई-प्रॉडक्‍ट धुएं को डिटेक्‍ट करते हैं, ठीक उसी तरह इस टेस्‍ट के जरिए परिवर्तित रक्‍त कोशिकाओं की मदद से कैंसर का पता लगाया जाता है।

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प्रोफेसर गेरथ ने कहा, ‘पुरानी कहावत है कि धुआं वहीं उठता है जहां आग है। यह टेस्‍ट भी ऐसा ही है। मतलब यह कि रक्‍त कोशिकाओं में परिवर्तन के बिना कैंसर नहीं होता है।’

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आइए आपको बताते हैं कि कैसे होता है ये टेस्ट। इस टेस्ट द्वारा रेड ब्लड सेल्स की सतह पर मौजूद प्रोटीन में होने वाली तबदीली का पता लगता है। किसी कैंसर पीड़ित इंसान में इस तरह का परिवर्तन प्रति मिलियन पर औसतन 50 से 100 के बीच होता है। जबकि सामान्य इंसान में यह बदलाव औसतन प्रति मिलियन (दस लाख) पर पांच का होता है।

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