भारत में पांच लोकप्रिय कार मॉडल मारुति की सेलेरियो और ईको, रेनो की क्विड, महिंद्रा की स्कॉर्पियो और हुंदै की इयान सुरक्षा समूह ग्लोबल न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम (एनसीएपी) के ‘क्रैश परीक्षण’ यानी दुर्घटना परीक्षण में फेल हो गए हैं। इन मॉडलों को शून्य स्टार रेटिंग्स दी गई है। हालांकि इन कंपनियों ने परीक्षण के नतीजों का विरोध किया है। ब्रिटेन के समूह ने पांच मॉडलों का परीक्षण किया। इनमें मारुति सुजुकी की वैन ईको शामिल हैं। इन वाहनों की बिक्री भारत में की जाती है।
पंजाब केसरी के मुताबिक न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम के टेस्टिंग प्रोटोकॉल के तहत सभी कारों (बेस वेरिएंट्स भी शामिल) में एयरबैग होना अनिवार्य है। प्रोटोकॉल के तहत सभी कारों को एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम सर्टिफिकेट होना चाहिए। एजेंसी ने स्टार रेटिंग एक से पांच के बीच दी है। पांच स्टार का मतलब कार को सेफ्टी क्रैश टेस्ट में सबसे ज्यादा सुरक्षित होना है। एक स्टार का मतलब मार्जिनल क्रैश सेफ्टी के साथ कार को पास किया गया है। जो कार क्रैश सेफ्टी टेस्ट में फेल हुई हैं, उनको जीरो रेटिंग दी गई है।
एनसीएपी की तरफ से किए गए इस टेस्ट में जब इन गाड़ियों को 64 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से चलाकर क्रैश किया गया तो ये सभी गाड़ियां जीरो साबित हुईं।
गौरतलब है कि मारुति सुजुकी की स्विफ्ट हैचबैक और निसान की डैटसन गो हैचबैक पहले ही क्रैश टेस्ट में फेल चुकी है। इन कारों को न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम ने जीरो रेटिंग दी थी। इसके अलावा टाटा नैनो, ह्युंडई आई 10, मारुति ऑल्टो 800, फोर्ड फिगो और फॉक्सवैगन की पोलो हैचबैक को बेस वेरिएंट में एयरबैग से पहले जीरो रेटिंग मिली थी। इन कारों में एयरबैग की सुविधा नहीं होती है।