सरकार के इस नोटिफिकेशन की मीट विक्रेता जमकर आलोचना कर रहे हैं। सर्वदलीय मुस्लिम संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमीलउद्दीन कुरैशी ने कहा कि इन नियमों की वजह से करीब 60 फीसदी दुकानें बंद हो जाएंगी। उन्होंने मांग की है कि इन गाइडलाइंस से संबंधिक इजाजत लेने के लिए सिंगल विंडो बनाई जाए। कुरैशी ने कहा, ‘सरकारी की कार्रवाई की वजह से दुकानदारों को वैसे ही बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है। हम मांग करते हैं कि सरकार न केवल नई गाइडलाइंस जारी करे, बल्कि नए लाइसेंस भी जारी करना शुरू करे।’
मीट की दुकान चलाने वाले मोहम्मद रफीक कुरैशी ने कहा, ‘नए नियम बेहद सख्त हैं और इसकी वजह से बहुत सारे लोग यह पेश छोड़ने के लिए मजबूर हो जाएंगे। अधिकारी बहुत सारे एनओसी लेने कह रहे हैं। नए लाइसेंस पाने के लिए फीस को लेकर स्थिति भी साफ नहीं है।’ व्यवस्था को लेकर भी कुछ समस्याएं आ रही हैं। उदाहरण के तौर पर फिरोजाबाद जिले में एक भी बूचड़खाना नहीं है, जहां से दुकानदार मीट खरीद सकें। म्युनिसिपल कमिश्नर प्रमोद कुमार ने कहा, ‘यहां एक भी बूचड़खाना नहीं है और हम अस्थाई लाइसेंस नहीं देते। इस बीच, मीट की दुकानों को कारोबार करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।’