ASI के पूर्व निदेशक केके मोहम्मद का दावा, बाबरी मस्जिद की खुदाई में मिले थे मंदिर के सबूत

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बाबरी मस्जिद
फाइल फोटो

अयोध्या में राम मंदिर की सत्यता तलाशने की कोशिश में खुदाई करने वाली ASI टीम के सदस्य रहे के के मोहम्मद ने कहा है कि खुदाई में मंदिर के प्रमाण मिले थे। एक खबरिया चैनल से बातचीत में ASI के पूर्व निदेशक (उत्तर) और अयोध्या में खुदाई करने वाली टीम के सदस्य मोहम्मद ने कहा कि मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से की गई मध्यस्थता की पेशकश मुस्लिम बिरादरी के लिए इस विवाद को सुलझाने का एक सुनहरा मौका है।
उन्होंने कहा कि पहली बार 1977-78 में और बाद में भी जब ASI ने खुदाई की तो बाबरी मस्जिद के नीचे मंदिर के प्रमाण मिले थे। उन्होंने बताया कि जल की मकरमुख वाली परनाली, शिखर के नीचे अमलका और सबसे बड़ा प्रमाण विष्णु हरि शिला फलक जो कहता है कि यह मंदिर उसका है, जिसने दस शीश वाले का वध किया। उन्होंने कहा कि खुदाई में मंदिर के 14 स्तंभ मिले थे।

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उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय को समझना चाहिए कि इतिहास में कई गलतियां हुई हैं और उन्हें स्वीकारने में कोई शर्म नहीं होनी चाहिए। मोहम्मद ने कहा कि यह दुखद है कि वामपंथी इतिहासकारों और कुछ अंग्रेजी समाचारपत्रों ने इस मामले को उलझा दिया।

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हालांकि मामले में पक्षकार हाजी महबूब ने मोहम्मद के बयान को खारिज करते हुए कहा कि राम के जमाने के कोई सबूत नहीं मिले हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि वह मामले को सुलझाने के लिए बातचीत के पक्षधर हैं।इससे पहले, बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 21 मार्च को कहा था कि इस मामले में सभी पक्ष आपस में बातचीत कर विवाद सुलझाएं।

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