बसपा विधायक मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद के बाद अब मुन्ना बजरंगी की भी जेल बदल दी गई है. पिछले करीब 15 दिनों में यूपी की जेलों में बंद करीब चार दर्जन खूंखार अपराधियों का ट्रांसफर सूबे की दूसरी जेलों में किया गया है.जेल ट्रांसफर के साथ ही यूपी सरकार ने इन अपराधियों पर नकेल कसने के लिए नया तरीका भी निकाल लिया है. अब इन अपराधियों और संबंधित जेल पर कड़ी नजर रखने के लिए यूपी एसटीएफ और यूपी एटीएस को भी लगाया गया है.
44 अपराधियों का जेलों से ट्रांसफर
28 मार्च से अब तक कारागार प्रशासन प्रदेश के विभिन्न जेलों में बंद 44 खूंखार अपराधियों व सिद्धदोष बंदियों को दूसरी जेलों में ट्रांसफर कर चुका है. इनमें बसपा विधायक मुख्तार अंसारी को आगरा जेल से बांदा ट्रांसफर कर दिया गया है. इसी तरह अतीक अहमद को नैनी सेंट्रल जेल से देवरिया जेल भेजा गया. इसी क्रम में मुन्ना बजरंगी को जौनपुर जेल से पीलीभीत जेल ट्रांसफर किया गया.
जैमर लगाने के लिए धनराशि जारी
यूपी की ज्यादातर जिला जेलों में जैमर की सुविधा नहीं है. अभी 31 मार्च को ही शासन की तरफ से राज्य की 12 संवेदनशील जेलों में जैमर लगाने के लिए धनराशि जारी की गई. ऐसे में माना जा रहा था कि ट्रांसफर किए गए इन अपराधियों के लिए ये स्थानांतरण सजा कम सुविधा ज्यादा साबित हो सकता है.
वायरल हुई थी अतीक की फोटो
चाहे मुख्तार हों या अतीक अहमद, इन सभी का जेल के अंदर अपना अलग साम्राज्य चलाने के आरोप लगते रहे हैं. पिछले दिनों नैनी सेंट्रल जेल, जहां काफी कड़ाई रहने के दावे किए जाते हैं, वहां बैरक में अतीक अहमद की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई.अपराधियों और जेल प्रशासन के गठजोड़ के मद्देनजर यूपी सरकार ने यूपी एसटीएफ और एटीएस को भी इन पर कड़ी नजर रखने की हिदायत दी है. निर्देश के पीछे कारण ये है कि माफिया अगर जेल प्रशासन से गठजोड़ करके सुविधा लेंगे तो एसटीएफ या एटीएस को सूचना हो जाएगी और मामले में शासन कड़ी कार्रवाई कर सकेगा. प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पण्डा ने इस संबंध में 18 जिलों के डीएम को निर्देश जारी किए हैं. इनमें बस्ती, सीतापुर, गोंडा, ललितपुर, सहारनपुर, झांसी, बागपत, मुजफ्फरनगर, कन्नौज, फर्रूखाबाद, बलिया, आगरा, बांदा, खीरी, उन्नाव, देवरिया, मिर्जापुर, रामपुर शामिल हैं.
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