इलाहाबाद हाई कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद और यूपी के बाहुबली नेता अतीक अहमद की जमानत याचिका खारिज कर दी है। पूर्व सांसद अहमद पर सैम हिगिनबॉटम इंस्टिट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर, टेक्नोलॉजी एंड साइंस (एसएचआईएटीएस) में मारपीट का आरोप है। अतीक अहमद पर कुल 21 आपराधिक मामले चल रहे हैं। अतीक अहमद को इसी साल फरवरी में मामले में आरोपी बनाए जाने के बाद तब गिरफ्तार किया गया था जब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पुलिस को इसके लिए फटकार लगायी थी। हाल ही में उत्तर प्रदेश में योगी आदित्य नाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनने के बाद अतीक अहमद समेत कई माफिया नेताओं का उनके गृह जनपद के आसपास की जेलों से दूर की जेलों में स्थानांतरित किया गया था। अतीक अहमद को इलाहाबाद की नैनी जेल से देवरिया जेल में भेजा गया था।
अतीक अहमद समेत चार लोगों पर 14 दिसंबर 2016 को एसएचआईएटीएस परिसर में घुसकर वहां के कर्मचारियों के संग मारपीट करने और उन्हें धमकी देना का आरोप है। अतीक अहमद और उनके साथी कथित तौर पर दो छात्रों पर विश्वविद्यालय द्वारा की गई कार्रवाई से नाराज थे। दोनों छात्रों को विश्वविद्यालय ने परीक्षा में नकल करने के आरोप में आगे की परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया था। अतीक अहमद को तब गिरफ्तार किया गया जब वो नैनी पुलिस थाने में विश्वविद्याल में तोड़फोड़ को लेकर अपनी शिकायत दर्ज कराने गए थे।
एसएचआईएटीएस के सुरक्षा अधिकारी राम किशन सिंह की रिट पिटिशन पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने साफ कर दिया ता कि अगर अतीक अहमद और अन्य अभियुक्त आत्मसमर्पण करना चाहते हैं तो वो हाई कोर्ट में कर सकते हैं। यूपी पुलिस ने अतीक अहमद और उनके साथियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 370 (हत्या का प्रयास), धारा 395 (डकैती), धारा 323 (चोट पहुंचाने), धारा 504 (जानबूझकर अपमानित करना) और 147 (दंगा करने) का मामला दर्ज किया गया है।