भारतीय सेना पाक को सीमा पर सबक सिखाने के लिए 778 किलोमीटर लंबी नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर हालात सामान्य करने में जुटी है। पाक को भारत धीरे धीरे जवाब दे रहा है।
वहीं, चीन 4057 किमी लंबी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर भी भारतीय देशा सबक सिखाने को तैयार है। करीब 13 लाख सैनिक बल देश की उत्तरीय सीमाओं के पास के फंड की कमी के बाद भी इसको मजबूत बनाने में लगी हैष वहीं, खबरों के मुताबिक करीब 17 कॉर्प्स को नए हथियार, एयर डिफेंस और इंजीनियर्स ब्रिगेड्स को लद्दाख तक पहुंचाया जा रहा है ताकि चीन से मिली सीमाओं पर भारत अपनी मजबूती पेश कर पाए।
बता दें कि आर्मी ने 17 माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स की शुरुआत साल 2014 में की थी। इतना ही नहीं चीन की पिपुल लिबरेशन आर्मी सेना को टक्कर देने वाले और तोपखाने, बख्तरबंद, एयर डिफेंस, इंजिनियर ब्रिग्रेड से लैस इस 17 कॉर्प्स को लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश और पाकिस्तान तक फैलाया जाएगा। मामले में जानकारी देते हुए सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने बताया कि 17 कॉर्प्स में नए हथियार, एयर डिफेंस और इंजीनियर्स ब्रिगेड्स को लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक फैलाया जाएगा। जिसमें 90,274 सैनिक होंगे। उन्होंने आगे कहा कि इसमें करीब 64,678 करोड़ का खर्च आएगा जोकि 2021 तक होगा। इतना ही नहीं चीन की पिपुल लिबरेशन आर्मी सेना को टक्कर देने वाले और तोपखाने, बख्तरबंद, एयर डिफेंस, इंजिनियर ब्रिग्रेड से लैस इस 17 कॉर्प्स को भी लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक फैलाया जाएगा। इसमें न्यूक्लिय बैलेस्टिक मिसाइल, फाइटर जेट्स, टैंक्स और सुपर मिसाइल छोड़ने वाला ब्रह्मोस भी शामिल है। ये जानकारी टीओआई के हवाले से है।
बता दें कि सेना के लिए बड़ी सम्सया एलएसी पर बुनियादी ठांचे के विकास की धीमी गति रही है। उदाहरण के लिए बता दें कि एलएसी के करीब बनाई जानी वाली 73 सड़कों में से केवल 24 का ही निर्माण कार्य पूरा हो पाया है। हालांकि मार्च 2019 से जून 2021 तक एलएसी के साथ ऊंचाई वाले इलाकों में चीन को धमकी देने के लिए 145 एम 777 अल्ट्रा-लाइट हाईटिजर्स की प्रक्षेपित डिलीवरी आ गई है। अमेरिकी सरकार के साथ 737 मिलियन के रक्षा सौदे के तहत 18 मई को भारत में पहले दो हाट्टिजर आए थे।