यूपी चुनाव: अब ‘मां-बेटी’ के बीच छिड़ा सियासी जंग

0
3 of 3Next
Use your ← → (arrow) keys to browse

अनुप्रिया 2012 के विधानसभा चुनाव में वाराणसी की रोहनियां सीट से चुनी गई थीं। मगर वर्ष 2014 में भाजपा के साथ गठबंधन हो जाने के बाद उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा देकर मिर्जापुर संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा और विजयी हुईं। उनके साथ पार्टी के हरिवंश सिंह प्रतापगढ़ से चुनाव जीते।

इसे भी पढ़िए :  जेएनयू छात्र नजीब की कहानी में नया मोड़, लापता होने से पहले जुटा रहा था ISIS की जानकारी

उसके बाद 2015 में पार्टी में कथित अधिकार को लेकर विवाद शुरू हो गया और अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने अनुप्रिया को दल से निकालने की घोषणा की जबकि वे खुद को पार्टी का मुखिया बताने लगीं। दूसरी तरफ अनुप्रिया पटेल गुट भी अपना दल पर अपनी दावेदारी करता है।

इसे भी पढ़िए :  भाजपा और बसपा पर बसरे सीएम अखिलेश, दोनों पार्टियों से होशियार रहने की दी सलाह
3 of 3Next
Use your ← → (arrow) keys to browse