गोरखनाथ पीठ की परम्परा के अनुसार योगी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में व्यापक जनजागरण का अभियान चलाया। सहभोज के माध्यम से छुआछूत (अस्पृश्यता) की भेदभावकारी रूढ़ियों पर जमकर प्रहार किया। इसलिए उनके साथ बड़ी संख्याी में दलित भी जुड़े हुए हैं। गांव-गांव में सहभोज के माध्यम से ‘एक साथ बैठें-एक साथ खाएं’ मंत्र का उन्होंने उद्घोष किया।
योगी के एक करीबी बताते हैं कि योगी आदित्य नाथ के गुरु महंत अवैद्यनाथ ने दक्षिण भारत के मंदिरों में दलितों के प्रवेश को लेकर संघर्ष किया। जून 1993 में पटना के महावीर मंदिर में दलित संत सूर्यवंशी दास का अभिषेक कर पुजारी नियुक्ता किया। इस पर विवाद भी हुआ लेकिन वे अड़े रहे। यही नहीं इसके बाद बनारस के डोम राजा ने उन्हें अपने घर खाने का चैलेंज दिया तो उन्होंसने उनके घर पर जाकर संतों के साथ खाना खाया। इसीलिए योगी आदित्य नाथ का भी दलितों के प्रति लगाव रहा है और वे उनके लिए काम करते रहे हैं।
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