13, माल एवेन्यू,लखनऊ यानी मायावती का बंगला, यहां पर जूते – चप्पल पहनकर जाना सख़्त मना है, जी हां दरअसल, मायावती ने कहा है कि संस्कृति व सभ्यता को लेकर लोग मंदिर-मस्ज़िद, चर्च, गुरुद्वारे के प्रति जिस तरह आस्था रखते हैं, उसी तरह यह स्थान उनका घर होने के साथ-साथ दलित संतों, महापुरुषों व बसपा संस्थापक कांशीराम का संग्रहालय स्थल भी है। इसे लोग पवित्र स्थल मानते हैं। उन्होंने कहा कि यहां कोई भी जूता-चप्पल पहनकर नहीं जाता। हालांकि ये बात कहते हुए उन्होने खुद सैंडिल पहनी हुईं थी, जिसके बचाव में उन्होंने कहा कि वे अंदर वाली सैंडिल बाहर और बाहर वाली अंदर प्रयोग नहीं करती हैं। ऐसे में इस तरह की सोच अच्छी नहीं है। दरअसल, मायावती ने मुख्तार अंसारी के परिवार के बसपा में शामिल होने के वक्त उनके अलावा अन्य सभी नेताओं के जूते-चप्पल निकालकर खड़े होने पर यह पूरी सफाई दी।
मायावती ने कहा कि इस तरह की खबर दिखाने वाले उनकी नजर से गिर गए हैं। भविष्य में लोगों को ऐसी गलती नहीं करनी चाहिए। ऐसे लोगों को मीडिया के चौथे स्तंभ की गरिमा बनाए रखनी चाहिए। हालांकि वह यह बताते समय शायद भूल गईं कि कुछ माह पहले वह उसी हाल में दो प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुकी हैं जहां वे महापुरुषों के म्यूरल का संकेत कर रही थीं। उस समय वहां जूता-चप्पल पहन कर जाने को लेकर कोई रोक-टोक नहीं थी।