नोटबंदी के बाद से समाजवादी पार्टी के भीतर पारिवारिक कलह का जो तूफान शांत होता दिख रहा था, अब वह फिर से सामने आ सकता है। सब सोच रहे थे कि अब सपा कि सरकार में कुछ गलत नहीं होगा, जो कलह चल रही थी वो पुरी तरह से शांत हो जाएंगी। लेकिन जैसे-जैसे यूपी चुनाव पास आते जा रहे है, वैसे-वैसे अटकले लगाई जा रही है, कि हो सकता है पारिवारिक कलह दोबारा हो जाए। यूपी एसपी अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के पार्टी के 35-40 विधायकों के टिकट काटे जाने के संकेत और यूपी सीएम अखिलेश सिंह यादव के अपने 70 ‘वफादार’ विधायकों से मुलाकात के बाद यह अटकले लगाई जा रही है।
यूपी सीएम अखिलेश सिंह यादव ने शुक्रवार को एसपी से पहली बार निर्वाचित हुए 70 ‘वफादार’ विधायकों से मुलाकात की जिसे राजनीतिक हलको में एसपी कुनबे में नए ‘दंगल’ के तौर पर देखा जा रहा है। इस मुलाकात को अखिलेश की समानांतर तौर पर टिकट वितरण की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है। टिकट वितरण की जिम्मेदारी आधिकारिक तौर पर समाजवादी पार्टी राज्य के प्रमुख शिवपाल यादव की है। वह पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव की सहमति से टिकट-वितरण का दायित्व संभाल रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, इस पूरी प्रक्रिया में अखिलेश की कोई भूमिका नहीं है। उम्मीदवारों को टिकट बांटने के मामले में उनकी कोई सलाह नहीं ली जा रही है। इन सबके बीच अखिलेश सिंह की अपने ‘वफादार’ विधायकों से मुलाकात को एक चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है कि पार्टी को उन्हें नजरअंदाज करना महंगा पड़ेगा।