कहते हैं आतंकियों का कोई मजहब नहीं होता। और ऐसा ही कुछ मदीना मस्जिद पर हुए हमले में भी सामने आया। जिस मस्जिद पर दुनिया भर से लोग सजदा करने आते हैं वहां आतंकियों ने खून की होली खेली। हैरत की बात तो ये है कि मुसलमानों के पाक स्थल को निशाने बनाने वाले भी खुद मुसलमान थे। और इससे भी ज्यादा हैरत की बात ये है कि इस आतंकी हमले की जड़े भी पाकिस्तान से ही जुड़ी हैं।
सउदी अरब पर सोमवार को हुए आत्मघाती हमलों के संबंध में 12 पाकिस्तानी नागरिकों समेत 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से एक हमला मदीना शहर में इस्लाम के दूसरे सबसे पवित्र स्थल के निकट हुआ था। सउदी अरब के गृह मंत्रालय ने यह जानकारी दी।
ऐसा माना जा रहा है कि मदीना के कातिफ में एक शिया मस्जिद और पश्चिमी जेद्दाह में हुए हमलों में सात लोगों की मौत हुई और दो अन्य लोग घायल हुए है। एबीपी न्यूज़ की खबर के मुताबिक मंत्रालय ने गुरूवार एक बयान में बताया कि 26 साल के सउदी निवासी व्यक्ति मुस्लिम हम्माद अल बलावी की पहचान मदीना हमले के साजिशकर्ता के रूप में की गई है। हम्माद अल बलावी नशीले पदाथरें का इस्तेमाल का करता रहा है।
मदीना में मस्जिद-ए-नबवी के निकट हुए विस्फोट में चार लोग मारे गए थे। मंत्रालय ने पूर्व में बताया था कि शिया बहुल कातिफ में एक अन्य आत्मघाती हमले के बाद तीन लोगों के अंग मिले थे। जेद्दा हमले में दो पुलिस अधिकारी घायल हो गए थे। सोमवार को हुए हमलों की जिम्मेदारी अभी तक किसी ने नहीं ली है।