अफगानिस्तान में आईएस के ठिकानों पर अमेरिका द्वारा किए गए दुनिया के सबसे बड़े गैर-परमाणु बम से हमले में 20 भारतीयों के भी मारे जाने की उम्मीद है। अफगानिस्तान के नागरहार में आईएस के गुप्त ठिकानों पर सैकड़ों आतंकी ट्रेनिंग ले रहे थे जिनमें भारत से भी करीब 20 युवक शामिल थे। अनुमान है कि ट्रेनिंग लेने वाले भारतीयों में 4 महिलाएं भी शामिल थी, उनकी भी मौत की आशंका जताई जा रही है।
जनवरी 2017 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और रॉ ने भारत सरकार को इस बारे में रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट में केरल समेत दक्षिण भारतीय राज्यों से दर्जनों युवकों के अफगानिस्तान में बने आईएस कैंपों में ट्रेनिंग लेने की आशंका जताई गई थी।
रॉ ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि आईएस इन युवकों को आतंकी ट्रेनिंग देने के बाद भारत में आपनी पैठ बनाने की जुगत में है। खुफिया एजेंसियों ने कहा था कि आईएस करीब 20 युवकों को ललचाने और उनका ब्रेनवॉश करने में कामयाब हो गया है। देश से भागे ने इन 20 युवकों को नागरहार में बने ट्रेनिंग कैंपों में ट्रेनिंग दी जा रही है।
भारतीय युवकों के अलावा यहां कुछ बांग्लादेश व मालदीव के युवक आतंक की ट्रेनिंग ले रहे थे। अनुमान है कि गुरुवार शाम को अमेरिका द्वारा गिराए गए GBU-43 बम से सैकड़ों आतंकी मारे गए।
हालांकि मारे गए आतंकियों के बारे में अभी कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं आया। लेकिन अमेरिकी सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि जहां बम गिराया गया है वहां पर करीब 700 आतंकी आईएस की ट्रेनिंग ले रहे थे। जबकि अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसियों को मामना है कि यहां करीब 2500 लोग कट्टरवादी गतिविधियों में संलिप्त हैं।
इंडिया संवाद के सौजन्य से खबर