पिछले दो सालों से चल रही ISIS की करतूतों से पूरी दुनिया अच्छी तरह बाखबर है। हर कोई अब जल्द से जल्द दुनिया के इन सबसे ख़ौफ़नाक आतंकी संगठन का खात्मा चाहता है। जो पिछले कई साल से बेगुनाहों को मौत की नींद सुला रहा है। लेकिन कहते हैं कि बुरे काम का अंत भी बुरा ही होता है। ISIS के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। इस ख़ौफ़नाक आतंकी संगठन के पाप का जब घड़ा भर गया तो अमेरिकी नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन ने इसके खात्मे के लिए फौज तैयार की। जिसका मकसद का ISIS के एक-एक आतंकी संगठन का खात्मा। अब अच्छी बात ये है कि सेना को इस मकसद में बड़ी कामयाबी भी हाथ लग गई है।
यूएस मिलिट्री ऑफिशल ने दावा किया है कि इराक और सीरिया में बीते दो सालों में ड्रोन, प्लेन के जरिए तकरीबन 16 हजार हवाई हमले किए गए हैं। जिनमें साल 2014 से लेकर अब तक आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के 50 हजार से ज्यादा लड़ाकों को मार गिराया गया है।
आईएस के खात्मे के लिए बने इस सैन्य गठबंधन ने जिन जिहादियों को मार गिराया है उनमें से दो तिहाई सिर्फ इराक में थे। इतना ही नहीं इस गठबंधन ने इराकी सेना को आईएस से लड़ने के लिए हथियार और ट्रेनिंग भी मुहैया कराई है।
अधिकारी ने बताया, “मैं गिनती नहीं कर रहा हूं, लेकिन इस तरह की संख्या बहुत मायने रखती है, इसका प्रभाव दुश्मन पर पड़ता है। अधिकारी के मुताबिक, करीब 50,000 से ज्यादा संख्या में आतंकवादी मारे गए हैं…”
नाम ज़ाहिर न करने के अनुरोध पर अधिकारी ने बताया कि नागरिकों को हताहत होने से बचाने के लिए हवाई हमले करना पुराना तरीका है। गठबंधन की गणना के मुताबिक, इन अभियानों में 173 नागरिकों की मौत हुई है, जबकि आलोचकों का कहना है कि असली आंकड़े इससे कहीं ज्यादा हैं।
अमेरिका-नीत गठबंधन पहले कह चुका है कि वह आईएस को सीरिया और इराक में अंतिम रूप से हराने के लिए चल रहे अभियान के प्रभावी होने का पैमाना हताहतों की संख्या से नहीं मापता।