दक्षिण चीन सागर को लेकर अमेरिका और चीन में एक बार फिर ठन गई है। अमेरिका ने विवादित दक्षिण चीन सागर क्षेत्र के उस कृत्रिम द्वीप के पास अपना युद्धपोत भेजा है, जिस पर चीन अपना दावा जताता है। अमेरिका के इस कदम से चीन भड़क गया है। चीन ने इसे ‘भड़काऊ गतिविधि’ बताते हुए संप्रभुता का उल्लंघन बताया साथ ही अमेरिका को अपनी भूल सुधारने को कहा है। डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद यह पहला मौका है जब अमेरिका ने विवादित साउथ चाइना सी पर चीन की दावेदारी को इस तरह खुलेआम चुनौती दी है। गुरुवार को चीन की सरकार ने इसपर प्रतिक्रिया करते हुए आरोप लगाया कि अमेरिकी लड़ाकू जहाज ‘बिना इजाजत लिए’ साउथ चाइना सी की उसकी सीमा के अंदर घुस आया।
अमेरिका का कहना है कि इंटरनैशनल कानूनों के मुताबिक, सभी देशों को यहां फ्रीडम ऑफ नेविगेशन का अधिकार है। पेंटागन के प्रवक्ता जेफ डेविस ने कहा, ‘हम एशिया-प्रशांत क्षेत्र में नियमित आधार पर संचालन करते हैं, जिसमें दक्षिण चीन सागर भी शामिल है और हम इसका संचालन अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार करते हैं।’ उन्होंने वॉल स्ट्रीय जर्नल को दिए बयान में कहा कि गश्ती किसी भी एक देश को लेकर नहीं है और न ही यह किसी एक जलक्षेत्र को लेकर है। द हिल की खबर के मुताबिक ‘फ्रीडम ऑफ नेविगेशन’ का अभियान अमेरिका की ओर से दिया जाने वाला ऐसा संकेत है, जिसके जरिए वह अहम समुद्री मार्गों को खुला रखने के अपने इरादे को जाहिर करता है।