दिल्ली:
बांग्लादेश कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी के मुख्य फाइनेंसर और मीडिया हस्ती मीर कासिम अली को 1971 में हुए मुक्ति संग्राम के दौरान उसके अपराधों के लिए फांसी देने की तैयारी कर रहा है। कासिम को फांसी देने का अंतिम आदेश जेल अधिकारियों को सौंपा जा चुका है।
अधिकारियों ने अली के परिवार को उससे मिलने के लिए बुलाया है और राजधानी के बाहर स्थित काशीमपुर केन्द्रीय कारागार की सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है।
एक निजी चैनल ने जेल के एक अधिकारी के हवाले से कहा, ‘‘उसके परिवार के 22 सदस्य उससे :अली: अंतिम बार मिलने जेल पहुंचे हैं।’’ अली को इसी कारागार में काल-कोठरी में रखा गया है।
हालांकि उन्होंने इस प्रश्न का स्पष्ट उत्तर नहीं दिया कि क्या अली को आज रात फांसी दी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम हमेशा तैयार हैं।’’ अधिकारियों के अनुसार, अली को फांसी देने संबंधी आदेश जेल के अधिकारियों के पास पहुंच गया है। इसका अर्थ है कि अब उसे किसी भी वक्त फांसी दी जा सकती है।
अधिकारी संभवत: अली को आज रात फांसी दिए जाने की संभावना है क्योंकि अतीत में ज्यादातर फांसी रात 10 बजे के बाद दी गयी है।
बांग्लादेश द्वारा 1971 के युद्ध अपराधियों के खिलाफ 2010 में शुरू किए गए अभियान के बाद से अभी तक पांच युद्ध अपराधियों को फांसी दी गयी है।