दिल्ली:
46 अरब डालर की लागत से बनाए जाने वाले चीन-पाक आर्थिक गलियारे को लेकर ‘‘सुरक्षा पर बढ़ते खर्च’’ और उसके विकास में आने वाली ‘‘संभावित रूकावटों’’ को लेकर चीन चिंतित है।
सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने आज एक लेख में कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर से गुजरने वाली यह परियोजना दोनों देशों के लिए ‘‘आसान’’ नहीं होगी।
लेख में कहा गया कि परियोजना ‘‘जटिल क्षेत्रीय माहौल’’ के कारण जोखिम का सामना कर रही है। इसमें गलियारे पर काम कर रहे 7,036 चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान द्वारा 14,503 सुरक्षाकर्मियों की कथित तैनाती की तरफ भी इशारा किया गया।
लेख के अनुसार, ‘‘चीन क्षेत्र पर बहुत ज्यादा ध्यान दिलाना नहीं चाहेगा। कम से कम, एक ही जगह सब कुछ झोंकना बेवकूफी होगी।’’ परियोजना से भारत-चीन संबंध भी प्रभावित हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार सितंबर को होंगझोउ में जी20 बैठक से इतर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ की गयी अपनी मुलाकात में परियोजना को लेकर चिंता जतायी थी।
लेख में हालांकि परियोजना को लेकर भारत का कोई संदर्भ नहीं दिया गया। परियोजना चीन के शिनजियांग प्रांत को पाकिस्तान के बलूचिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ेगी।
लेख में कहा गया, ‘‘सीपीईसी को लंबे समय से चीन-पाकिस्तान आर्थिक सहयोग के प्रतीक के तौर पर देखा जाता रहा है। ऐसी संभावना नहीं है कि चीन हाल फिलहाल सीपीईसी को लेकर अपने सहयोगी रवैये को बदलेगा लेकिन सुरक्षा पर बढ़ता खर्च परियोजनाओं को प्रभावशाली तरीके से आगे बढ़ाने में एक बड़ी समस्या बन रहा है।’’