इस लेख में आगे कहा गया है, ‘पेइचिंग और नई दिल्ली के आपसी सीमा विवादों को ही देखिए। अभी तक इस संबंध में कोई उम्मीद की किरण नजर नहीं आई है। मोदी ने भारत-चीन सीमा पर तैनात भारतीय सेना के जवानों के साथ भारत के सबसे बड़े त्योहार दिवाली को मनाकर इस सीमा विवाद पर अपने सख्त रुख का परिचय दिया।’ लेख में आगे कहा गया है, ‘PM मोदी ने अमेरिका और जापान के साथ रक्षा संबंधों को और मजबूत किया। उन्होंने एशिया-प्रशांत क्षेत्र को फिर से संतुलित करने की अमेरिकी नीति को समर्थन दिया। दक्षिणी चीन सागर विवाद पर भी उन्होंने अमेरिका के पक्ष का समर्थन किया।’
BJP और मोदी को हाईलाइनर्स बताते हुए इस लेख में आगे कहा गया है, ‘जमीन पर ये हार्डलाइनर्स भले ही लचीले ना दिखें, लेकिन एक बार जब ये अपना मन बना लेते हैं, तो अपनी योग्यता और काबिलियत के बूते किसी मुद्दे पर समझौता करने में भी दृढ़ता दिखाते हैं। हमें उम्मीद है कि मोदी के कार्यकाल में सीमा विवाद सहित तमाम आपसी मतभेदों को सुलझाया जा सकता है, बशर्ते दोनों पक्ष इसके लिए राजी हों।’