बुधवार रात ट्रंप ने इसी मुद्दे पर एक ट्वीट करते हुए लिखा, ‘आप यकीन कर पाएंगे इसपर? ओबामा प्रशासन ऑस्ट्रेलिया से हजारों अवैध प्रवासियों को अमेरिका में लाने के लिए राजी हो गया था। क्यों? मैं इस बेवकूफाना समझौते के बारे में विस्तार से पढूंगा।’ अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि बाकी राष्ट्राध्यक्षों के साथ भी ट्रंप ने इसी तरह बातचीत की। टर्नबुल के साथ ट्रंप का इस तरह बात करना इसलिए हैरान करता है कि अणेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बीच बेहद मजबूत और करीबी संबंध है। दोनों देश खुफिया जानकारियां साझा करते हैं, कूटनीतिक सहयोग करते हैं और इसके अलावा इराक और अफगानिस्तान युद्ध में भी दोनों देश मिलकर लड़े हैं।
ट्रंप के आलोचकों और विरोधियों का कहना है कि उनका यह व्यवहार उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य बनाता है। आलोचकों का कहना था कि राष्ट्रपति के तौर पर भी ट्रंप के बातचीत और बर्ताव की शैली वैसी ही है जैसी कि कारोबारी और रिऐलिटी टीवी कार्यक्रम करते समय हुआ करती थी।