भारतीय मूल के लोगों के जरिये यूरोपीय संघ और भारत का संबंध बढ़ाने का प्रयास

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फाइल फोटो।

नई दिल्ली। भारत और यूरोपीय संघ ने विभिन्न क्षेत्रों में अपने द्विपक्षीय संबंध ‘‘व्यापक’’ बनाने की गुरुवार(20 अक्टूबर) को इच्छा जतायी। ऐसा यूरोपीय संघ के सदस्य देशों में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों की ताकत का इस्तेमाल करते हुए किया जाएगा।

विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी डी एम मुलय ने कहा कि ‘‘जहां तक भारतीय मूल के लोगों के साथ हमारे संबंध का सवाल है, वर्तमान में हम बहुत ही रोचक मोड़ पर हैं, क्योंकि भारत विश्व के विभिन्न मंचों पर अपनी स्थिति पर जोर दे रहा है।’’

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उन्होंने कहा कि ‘‘इसलिए जब भारत का कद बढ़ेगा, साथ ही भारतीय मूल के लोगों का भी कद बढ़ेगा। यदि उनका कद बढ़ेगा तो इससे भारत को भी लाभ होगा। हमें बहुत ही अलग तरह के विचार विमर्श की जरूरत है। भारतीय मूल के लोग बहुत ही दिलचस्प हैं।’’

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उन्होंने यह बात ‘न्यू होमलैंड्स: द इंडियन डायस्पोरा इन द यूरोपियन यूनियन’ विषय पर एक परिचर्चा में भाग लेते हुए कही। इसका आयोजन भारत में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल ने किया था।

कार्यक्रम का आयोजन यूरोपीय संघ में भारतीय मूल के लोगों पर एक चित्र प्रदर्शनी के शुरू होने से पहले किया गया था। इस परियोजना को भारत में यूरोपीय संघ प्रतिनिधिमंडल ने प्रायोजित किया है।

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भारत में यूरोपीय संघ प्रतिनिधिमंडल उप प्रमुख सिजेरी ओनेस्तीनी ने कहा कि ‘‘यह परियोजना नये मित्र खोजने और दो संस्कृतियों को साथ लाने के साथ ही यूरोपीय संघ के बारे में अधिक लोगों को अवगत कराने के बारे में है। इसका उद्देश्य यूरोपीय संघ और भारत के बीच संबंध को और अधिक मजबूत बनाना है।’’