बच्चों में पॉपुलर हो चुके कार्टून सीरियल डोरेमॉन का काफी क्रेज़ देखने को मिलता है। डोरेमॉन के नए-नए गैजेटस बच्चों को खूब लुभाते हैं, लेकिन अपने आप को ताकतवर कहने वाला पाकिस्तान को इस कार्टून से डर लगता है, तभी तो इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने डोरेमॉन जैसे प्यारे सीरियल को बैन कर दिया है। शल मीडिया में भी इमरान खान इस बात को लेकर खूब मज़ाक उड़ाया गया। पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव के पेश होते ही सोशल मीडिया पर हैशटैग पीटीआई वर्सेस डोरेमॉन ट्रेंड करने लगा। यूजर इमरान की पार्टी का मजाक उड़ा रहे हैं। एक यूजर ने लिखा.. ‘उन्हें तो इमरान खान, डोरेमॉन से भी बड़े कार्टून लग रहे हैं।’ एक यूजर ने लिखा… ’डोरेमॉन से भी अधिक खतरनाक छोटा भीम है, इमरान पहले उस पर पाबंदी लगवाओ।’
दरअसल, डोरेमॉन पाक में सबसे अधिक हिंदी डबिंग में देखा जा रहा है। इसके खिलाफ पंजाब विधानसभा के सदस्य मलिक तैमूर ने पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी यानी पेमरा के जरिए से इस कार्टून को दिखाने वाले चैनलों पर भी बैन लगाने का प्रपोजल रखा है। इसमें कहा है कि कार्टून चैनल्स को 24 घंटे के बजाए सिर्फ कुछ घंटों के लिए भी प्रोग्राम दिखाने का ऑर्डर जारी किया जाए। ये कार्टूंस जिस तरह से भारतीय भाषा बोलते हैं, उससे हमारी सोसाइटी के लिए खतरा पैदा हो गया है। सभी पार्टियों का कहना है कि उर्दू बोलने वाले परिवारों के बच्चे डोरेमॉन को अंग्रेजी के बजाए हिंदी में देखना पसंद करते हैं। इसलिए उनकी आम बोलचाल में हिंदी के शब्द बढ़ रहे हैं।
लाहौर के अर्बन सोशियोलॉजिस्ट नुजहत एस सिद्दीकी का कहना है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के पास क्या यही एक मुद्दा रह गया था? नुजहत के मुताबिक, इमरान को बच्चों से इतनी चिढ़ क्यों है? आखिर डोरेमॉन मुद्दा ही क्यों है? टीचर स्कूलों में छोटे बच्चों को पीट रहे हैं और पीटीआई ने डोरेमॉन पर बैन का मुद्दा चुना है। उन्हें अंदाज नहीं है कि ऐसा किया गया तो बच्चे उनके साथ क्या कर गुजरेंगे?