आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन ने दक्षेस देशों के गृह मंत्रियों की बैठक में शामिल होने पाकिस्तान पहुंचे भारतीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ बुधवार को विरोध रैली निकाली। रैली में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। रैली में शामिल करीब दो हजार लोग भारत विरोधी नारे लगा रहे थे। राजनाथ 3 और 4 अगस्त को दक्षेस देशों के गृह मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे। मूलतः कश्मीर के रहने वाले आतंकी सैयद सलाहुद्दीन ने भारत के पठानकोट में हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी। वो भारत में कई अन्य मामलों में भी वांछित है। भारत सरकार पाकिस्तान से सलाहुद्दीन के प्रत्यर्पण की मांग करती रही है।
रैली का आयोजन आल पार्टीज हुर्रियत कांफ्रेस ने किया था। कई स्थानीय सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक समूहों ने हुर्रियत के समर्थन की घोषणा की है। जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद ने भी कश्मीर मसले पर राजनाथ सिंह के पाकिस्तान दौरे का विरोध करने की घोषणा की है। संभावित विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर पाकिस्तान सरकार ने राजनाथ सिंह को प्रेसिडेंशियल सिक्योरिटी देने का फैसला किया है। यानी राजनाथ की सुरक्षा में 200 सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। इनमें पाकिस्तान की स्पेशल फोर्स के कमांडो भी शामिल होंगे। सूत्रों के अनुसार यह फैसला पीएम नवाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक में हुआ है। इस बैठक में सुरक्षा संबंधी विषयों पर चर्चा हुई थी।
जम्मू कश्मीर में हिज्बुल मुजाहिद्दीन कमांडर बुरहान वानी के एक मुठभेड़ में मारे जाने के बाद हुई हिंसा में 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। भारत का आरोप है कि पाकिस्तान कश्मीर में हिंसा को बढ़ावा दे रहा है। जनवरी में हुए पठानकोट हमले के बाद पहली बार कोई वरिष्ठ भारतीय मंत्री पाकिस्तान जा रहा है। पठानकोट हमले में सात जवान मारे गए थे। माना जा रहा है कि राजनाथ सिंह दक्षेस देशों के गृह मंत्रियों की बैठक में पठानकोट हमला का भी मुद्दा उठाएंगे। भारत ने पाकिस्तान के साथ किसी तरह की द्विदेशीय वार्ता की संभावना से भी इनकार किया है।