बर्मिंघम में चैंपियंस ट्रॉफी में भारत-पाक का मैच चल रहा है। लंदन और बर्मिंघम के बीच की दूरी 160 किमी है और उधर लंदन आतंकी हमलों से जूझ रहा है।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, लंदन ब्रिज, बरो मार्केट और वॉक्सहॉल इलाके में आतंकी हमले हुए। पुलिस ने बताया कि हमले में मारे जाने वालों की संख्या 7 हो गई है। जख्मी लोगों को 6 हॉस्पिटल्स में एडमिट कराया गया है। पुलिस की तरफ से ट्वीट किया गया, “4 जून को स्थानीय समय के मुताबिक रात करीब 12.30 बजे लंदन ब्रिज, बरो मार्केट में आतंकी हमला हुआ। वॉक्सहॉल इलाके में हुए हमले को आतंकी नहीं कहा जा सकता।”
सभी इलाकों में सिक्युरिटी बढ़ा दी गई है। डाउनिंग स्ट्रीट (पीएम का आवास) के मुताबिक, थेरेसा भी लगातार अफसरों के कॉन्टैक्ट में हैं। लंदन ब्रिज को फिलहाल बंद कर दिया गया है। लंदन एंबुलेंस सर्विस ने ट्वीट कर कहा, “हमले के चलते मौके पर कई लोग-अफसर मौजूद हैं। प्लीज, लंदन ब्रिज पर न जाएं।”
नरेंद्र मोदी ने लंदन हमले की निंदा करते हुए लिखा, “मारे गए लोगों के परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। घायल हुए लोगों के जल्दी ठीक होने की कामना करता हूं।”
भारत-पाकिस्तान के मैच के स्थल से महज़ 150 किलोमीटर दूर लंदन में जिस तरह हमले हो रहे हैं ऐसे में सबसे बड़ा सवाल खिलाड़ियों और मैच देखने आए लोगों के सुरक्षा का है। बर्मिंघम का स्टेडियम खचा-खच लोगों से भरा पड़ा है। ऐसे में यहां सुरक्षा में छोटी सी चूक बड़ी महंगी साबित हो सकती है। हालांकि, बर्मिंघम में भारतीय टीम सुरक्षित है। इस तरह के दावे सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से किए जा रहे हैं।
15 दिनों से लगातक आतंकी हमलों से जूझ रहा UK
22 मई की रात करीब 10.35 बजे मैनचेस्टर एरिना में फिदायीन हमला हुआ था। इसमें 22 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में बच्चे भी शामिल थे। ये हमला उस वक्त हुआ, जब यहां के मैनचेस्टर एरिना में अमेरिकी सिंगर अरियाना ग्रांडे का कॉन्सर्ट खत्म हो गया था। हमले की जिम्मेदारी ISIS ने ली थी। ब्रिटिश पीएम थेरेसा मे ने इसे आतंकी हमला करार दिया था।
जुलाई 2007 के बाद हुआ ये सबसे बड़ा हमला है, जब लंदन में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। मैनचेस्टर एरिना यूरोप का सबसे बड़ा इनडोर स्टेडियम है। यह 1995 में खुला था। यहां कई बड़े कॉन्सर्ट और स्पोर्ट्स गेम्स का आयोजन होता रहता है। कॉमनवेल्थ गेम्स भी यहां हो चुके हैं।
UK में 23 हजार जिहादियों की पहचान
इंटेलिजेंस एजेंसीज ने देश में रह रहे 23 हजार जिहादियों की पहचान की है। इनमें से 3000 से खतरे का अंदेशा जताया गया है। फिलहाल ऐसे 500 लोगों की जांच जारी है। रिपोर्ट के मुताबिक सिक्युरिटी सोर्सेज ने 20 हजार अन्य लोगों की भी हिस्ट्री को जांच का विषय बताया है। इन लोगों से पहले भी पूछताछ हो चुकी है और इन्हें ‘जोखिम’ की कैटेगरी में रखा गया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मैनचेस्टर का फिदायीन हमलावर लीबियाई मूल का सलमान अबेदी इंटेलिजेंस एजेंसी MI5 के रडार पर पहले से था और एजेंसी ने उसके मामले को रिव्यू करने लायक माना था। हालांकि अबेदी से एजेंसी ने कोई खतरा नहीं जताया था।