नई दिल्ली। नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड ने रविवार(18 सितंबर) को कहा कि भारत की उनकी विदेश यात्रा सफल रही और यह ‘‘विश्वास का माहौल’’ निर्मित करने और नेपाल के लिए लाभकारी द्विपक्षीय परियोजनाओं को प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने पर केंद्रित रही।
प्रचंड ने अपनी चार दिवसीय यात्रा के बाद काठमांडो लौटने के बाद कहा कि इस यात्रा से दोनों देशों के संबंधों को मजबूती प्रदान करने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि यात्रा ‘‘सफल रही’’ और इससे भारत-नेपाल के संबंध ‘‘एक नयी उंचाई’’ पर पहुंचे हैं।
उन्होंने त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा कि ‘‘यात्रा कई मुद्दों को उठाने की बजाय अच्छे इरादे से विश्वास का माहौल निर्मित करने और नेपाल के लाभ के लिए परियोजनाओं को जल्द से जल्द क्रियान्वित करने पर अधिक केंद्रित थी, जैसी सहमति पहले बनी थी।’’
उन्होंने हालांकि कहा कि भारत के साथ नेपाल की नजदीकी चीन के साथ उसके संबंध को बाधित नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि ‘‘दोनों पड़ोसियों के साथ नेपाल के संबंध के अलग आयाम हैं।’’ प्रचंड की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों ने 25 सूत्री संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किये।
प्रचंड ने इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। राजधानी दिल्ली में शनिवार को उन्होंने कहा था कि ‘‘दिल से बात हुई, खुल के बात हुई और दोनों देशों ने आगे बढ़ने के नये आधार का पता लगाया।’’ इससे पहले दिन में हवाई अड्डे पर प्रचंड का स्वागत स्पीकर ओनसारी घारती और उप प्रधानमंत्री बिमलेंद्र निधि और कृष्ण बहादुर महारा ने किया।