हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक शासकीय आदेश के तहत इराक, ईरान, सीरिया, सूडान, सोमालिया, लीबिया और यमन के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर कम से कम 90 दिन के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालांकि व्हाइट हाउस की तरफ से इस कदम को चरमपंथी इस्लामी आतंकवादियों से अमेरिका को सुरक्षित बनाने का प्रयास बताया गया था। लेकिन इराक ने अमेरिका के इस फैसले की कड़ी अलोचना करते हुए अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई का खाकी तैयार कर लिया है। इसके तहत इराकी सांसदों ने उस प्रस्ताव के पक्ष में सोमवार यानी 30 जनवरी को मतदान किया जिसके जरिए सरकार से अपील की गई है कि अगर वॉशिंगटन इराकियों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के अपने फैसले को वापस नहीं लेता है तो उसे भी अमेरिकियों के यहां आने पर प्रतिबंध लगाने के लिए जवाबी कानून बनाना चाहिए।
जनसत्ता की खबर के मुताबिक मतदान के लिए उपस्थित एक संसदीय अधिकारी ने सत्र में पढ़े गए फैसले के लिखित विवरण को उद्धृत करते हुए एएफपी को बताया कि संसद ने इराकी सरकार से अपील की कि अगर अमेरिकी सरकार अपने फैसले को वापस नहीं लेती है तो उस स्थिति में अमेरिकी फैसले के अनुरूप ही जवाब दे। सांसद हाकिम अल-जमीली ने बताया, ‘संसद ने बहुमत से इराकी सरकार और विदेश मंत्रालय से अमेरिका को उसके ही लहजे में जवाब देने की अपील की।’ एक अन्य सांसद सादिक अल लाबन ने पुष्टि की कि मतदान सरकार से जवाबी कदम के लिए कानून बनाने के लिए अपील करने के लिए था। लाबन ने कहा, ‘हम नये प्रशासन के इस रुख के खिलाफ हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि अमेरिकी प्रशासन इस फैसले पर पुनर्विचार करेगा।’
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