बड़ी खबर : ISIS चीफ़ बगदादी ने मानी हार, अपने लड़ाकों से कहा ‘या तो लौट जाओ या खुदकुशी कर लो

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बगदादी
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काहिरा : दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन ISIS के सरगना आतंकी अबू बकर अल-बगदादी ने इराक में अपनी हार स्वीकार कर ली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बयान के तौर पर अपना ‘विदाई भाषण’ जारी करते हुए बगदादी ने अपनी हार मानी और अपने गैर-अरब मूल के लड़ाकों से कहा कि या तो वे अपने-अपने देशों को लौट जाएं या फिर शरीर पर बम बांधकर खुद को उड़ा लें। बगदादी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि मरने के बाद वे जन्नत जाएंगे और वहां उन्हें ’72 हूरें’ मिलेंगी। मालूम हो कि साल 2014 में इसी मोसुल शहर की एक मस्जिद में बगदादी ने खुद को मुसलमानों का खलीफा घोषित किया था। इसके बाद अपने आतंक और बर्बरता के लिए दुनिया भर में इसकी पहचान फैली। मोसुल की जीत के बाद ISIS की स्थिति काफी मजबूत हो गई थी।

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अल अरबिया ने इराकी टीवी नेटवर्क अलसुमारिया के हवाले से बताया कि बुधवार को ISIS के धर्मगुरुओं और मौलवियों के बीच बगदादी का यह बयान वितरित किया गया। मालूम हो कि इराक में अब केवल पश्चिमी मोसुल ही ISIS के अधिकार में है। मोसुल पर कब्जे के लिए अक्टूबर 2016 से ही अमेरिका के नेतृत्व में इराकी फौज ISIS के साथ युद्ध कर रही है। पूर्वी हिस्से से IS को बाहर निकालने के बाद अब इराकी फौज चौतरफा हमला कर रही है।
रिपोर्ट में इराकी सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि बगदादी ने युद्ध में शामिल आतंकियों और लड़ाकों पर निगरानी रखने वाले और उन्हें निर्देश देने वाले ISIS दफ्तर पर ताला लगाने का आदेश दिया है। साथ ही, बगदादी ने अपने साथ लड़ रहे गैर-अरब मुल्कों के लड़ाकों को वापस अपने-अपने देश लौट जाने का भी निर्देश दिया। इन लड़ाकों को या तो घर लौट जाने या फिर खुद को बम से उड़ा लेने का आदेश दिया गया है। अपने बयान में बगदादी ने लड़ाकों से कहा कि युद्ध में मरने पर उन्हें ‘जन्नत में 72 हूरें’ मिलेंगी। खबरों के मुताबिक, खुद बगदादी भी कई बार चोटिल हो चुका है। उसपर 1 करोड़ अमेरिकी डॉलर का इनाम है।
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