हैदराबाद की रहने वाली नौरीन 10 फरवरी को अचानक लापता हो गई थी। उसके घरवालों ने इस बाबत पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी। बताया जाता है कि करीब दो महीने सीरिया में गुजारने के बाद आतंकी वारदात को अंजाम देने वो छह दिन पहले ही लाहौर आई थी। लेकिन, खुफिया एजेंसी की नजरों से बच नहीं पाई। आत्मघाती हमले से पहले उसे धर दबोचा।
20 साल की मेडिकल छात्रा नौरीन लेघारी जब सिंध प्रांत के जामशोरो के लियाकत यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंस जाया करती थी, तब उसके चाल-चलन से किसी को जरा भी शक नहीं था कि उसके इरादे क्या हैं। लियाकत मेडिकल यूनिवर्सिटी के वीसी नौशाद शेख नौरीन को याद कर बताते हैं कि वो बेहद सामान्य सी लड़की थी और सिर्फ पढ़ाई से वास्ता रखती थी।
हालांकि कहा जाता है कि पिछले साल से ही नौरीन में बदलाव दिखने लगा था। वो इंटरनेट पर तारिक नामक आतंकी के संपर्क में थी, जिसने उसका ब्रेनवॉश कर आतंकतवाद की तरफ धकेल दिया। वो अचानक बुर्का पहनने लगी और पांचों वक्त नमाज पढ़ने लगी। उसके बर्ताव में इस बदलाव की खबर उसके घरवालों को भी दी गई थी। लेकिन, घरवालों को यकीन नहीं हुआ।
10 फरवरी को यूनिवर्सिटी से लापता नौरीन बगदादी की सेना में शामिल हो चुकी है। इसका खुलासा पिछले महीने हुआ, जब नौरीन ने तारिक नामक आतंकी के फेसबुक प्रोफाइल से पिछले महीने एक संदेश मिला था। इसमें कहा गया था कि वो खलीफ की सरजमीं पर पहुंच गई है। नौरीन को तारिक नामक आतंकी ने हथियार चलाना सिखाया और बम धमाके के टिप्स दिए।
अपने फेसबुक मैसेज में नौरीन ने लिखा था, ‘भाई मैं नौरीन हूं। उम्मीद है आप सब खैरियत से होंगे। मैं भी खैरियत से हूं। मैं सिर्फ ये बताने के लिए आपको मैसेज किया है कि मैं अल्लाह के फजल से खिलाफत की सरमजीं में हिजरत करके पहुंच चुकी हूं। अल्लाह से उम्मीद करती हूं कि आप लोग भी कभी ना कभी जरूर हिजरत करेंगे। इंशाअल्लाह।’