वाईट हाउस में भारतीय बच्चों की कविताओं पर मिशेल ओबामा हुई कायल

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व्हाइट हाउस

अमेरिका में एक भारतीय लड़की ने वाईट हाउस में अपनी कविता से सबका दिल जीत लिया। दरअसल व्हाइट हाउस में आयोजित एक कार्यक्रम में माया ईश्वरन अपने प्रवासी होने और अपनी मातृभाषा तमिल के स्थान पर अंग्रेजी को अपनाने के दर्द भरे अनुभव के बारे में एक कविता सुनाई, जिसमें व्हाइट हाउस में बड़ी संख्या में उपस्थित श्रोताओं को आकर्षित कर लिया।

व्हाहट हाउस के श्रोताओं में अमरीका की प्रथम महिला मिशेल आेबामा भी शामिल थीं। जहां पर बच्चों के कविता कौशल को मान्यता प्रदान करने वाला प्रतिष्ठित कार्यक्रम ‘नेशनल स्टूडेंट्स पोएट्स’ आयोजित किया गया था। इसमें भारतीय मूल की अमरीकी लड़की माया ईश्वरन और गोपाल रमन के साथ 4 अन्य बच्चों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में शामिल सत्रह साल की माया को अपनी कविता ‘मा, आई हैव नॉट स्पोकेन तमिल इन थ्री ईयर्स’ पर वहां उपस्थित श्रोताओं की खूब तारीफ मिली।  माया ने कहा कि मेरा परिवार तमिल है लेकिन मेरा जन्म यहां हुआ है। मैंने अपनी संस्कृति और विरासत पर ढेर सारी कविताएं लिखी हैं। मैंने जो कविता व्हाइट हाउस में पढ़ी वह वास्तव में मेरी मातृभाषा के दूसरी भाषा से खोने का अनुभव है। वास्तव में मेरे लिए इसकी कल्पना करना भी बहुत ही कठिन है।

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मिशेल आेबामा ने अपने संभाषण में भी इस बच्ची का जिक्र किया। मिशेल ने कहा, ‘‘माया-माया कहां है? आप बेहतरीन हैं। यह आपकी कविता है..मैं इस मंच से कहना चाहती हूं कि आपको नकारने की कोई वजह नहीं है ।’’अमरीका में रहने वाले एक तमिल में जन्मी माया ने अपना सिर हिलाया । व्हाइट हाउस के कार्यक्रम के बाद माया ने कहा, ‘‘मेरा परिवार तमिल है, जबकि मेरा जन्म यहां अमरीका में हुआ है । मैंने अपनी संस्कृति और विरासत पर आधारित अनेक कविताएं लिखी हैं।’’

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