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पहला कारण, चीन का रूख दर्शाता है कि वह अपने साथी पाकिस्तान को खुश करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। हालांकि चीनी राजनेता इससे इतर बात करते हैं। चीन का कहना है कि वह मसूद अजहर पर बैन के खिलाफ है क्यों कि इस मामले पर सर्वसम्मति नहीं है। चीन के विदेश मंत्रालय के अनुसार, ”मार्च में भारत की ओर से की गई लिस्टिंग में अलग-अलग बयान हैं।”
दूसरा कारण है, मसूद अजहर को पाकिस्तानी सेना का समर्थन है। वहीं पाकिस्तान को चीन अपने हर मौसम का दोस्त, बताता है। भारत को वह प्रतिद्वंदी और चुनौती मानता है।
तीसरा कारण है, बीते समय में भी चीन कई मुद्दों पर भारत से विपरीत रूख ले चुका है, इनमें एनएसजी पर भारत का विरोध भी शामिल है। जहां तक अजहर पर प्रतिबंध की बात है तो 15 देशों में चीन इकलौता है जिसने प्रतिबंध का विरोध किया है।
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