किम ने इस मौके पर रैली को संबोधित नहीं किया बल्कि उनके निकट सहयोगी और दूसरे सबसे शक्तिशाली नेता माने जाने वाले चो रयोंग-हे ने एक चुनौतीपूर्ण भाषण दिया। उन्होंने भाषण में कहा कि प्योंगयांग किसी भी उकसावे पर प्रतिक्रिया देगा, फिर चाहे वह परमाणु संबंधी उकसावा हो या कोई और। चो ने कहा, ‘हम लोग आर-पार वाले किसी भी युद्ध का जवाब आर-पार के युद्ध से देने के लिए तैयार हैं और हम अपने तरीके से किसी भी परमाणु हमले का जवाब परमाणु हमले से देने को तैयार हैं।’
परमाणु और बलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों के चलते प्योंगयांग संयुक्त राष्ट्र के कई प्रतिबंधों को झेल रहा है। इसकी महत्वाकांक्षा एक ऐसा रॉकेट बनाने की है, जो अमेरिकी मुख्य भूभाग तक आयुध पहुंचाने में सक्षम हो। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने संकल्प लिया है कि ऐसा ‘नहीं होगा’। उत्तर कोरिया ने अभी तक पांच परमाणु परीक्षण किए हैं। इनमें से दो परीक्षण पिछले साल किए गए थे। परमाणु परीक्षण के साथ ही इस देश ने कई मिसाइल भी प्रक्षेपित किए हैं। पिछले महीने तीन रॉकेट जापान के निकट के जलक्षेत्र में आकर गिरे थे। ऐसी अटकलें हैं कि उत्तर कोरिया आने वाले दिनों में अपना छठवां परमाणु परीक्षण कर सकता है।
इस पर वाइट हाउस के अधिकारियों का कहना है कि प्योंगयांग से निपटने के लिए सैन्य विकल्पों का आकलन किया जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने विमान वाहक यूएसएस कार्ल विन्सन और साथ में एक युद्धक समूह को कोरियाई प्रायद्वीप भेज दिया है। ट्रंप ने फॉक्स बिजनस नेटवर्क को बताया, ‘हम नौसैन्य बेड़ा भेज रहे हैं, जो कि बहुत शक्तिशाली है। किम गलत चीज कर रहे हैं। उत्तर कोरिया का एक मात्र बड़े सहयोगी चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार को चेतावनी दी थी कि किसी भी क्षण संघर्ष शुरू हो सकता है। चीन और रूस दोनों ने ही संयम की अपील की है।































































