1999 में सेना एक बार नवाज को सत्ता से बेदखल कर चुकी है। माना जा रहा है कि नवाज मौजूदा हालात में सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं इसलिए वह उसी शख्स को आर्मी चीफ के तौर पर हरी झंडी देंगे, जो उनकी सुने। 2013 में सत्ता में आने के बाद से नवाज की सत्ता पर पकड़ लगातार ढीली हो रही है। उत्तरी वजीरिस्तान में तालिबान के आतंकवादियों से निपटने के उपाय पर सेना और नवाज के बीच तनाव बढ़ गया है।
माना जा रहा है कि राहिल के एक्सटेंशन का उड़ी अटैक से लिंक है। इस अटैक के बाद पाकिस्तान में जंग की आहट से राहिल के एक्सटेंशन की संभावनाएं बढ़ सकती थीं। रक्षा विश्लेषक ध्रुव सी कटोच भी मानते हैं कि निश्चित तौर पर इन दोनों घटनाओं का आपस में लिंक है। राहिल शरीफ खुद साफ कर चुके हैं कि कार्यकाल खत्म होने के बाद पद छोड़ देंगे। इससे पहले भी मुशर्रफ और कयानी को एक्सटेंशन मिल चुका है। ये दोनों भी कहते रहे थे कि वे कार्यकाल खत्म होने के बाद पद नहीं संभालेंगे।