पाकिस्तान के शीर्ष अखबार डॉन ने पिछले हफ्ते अपनी एक खबर में कहा था कि हक्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तैयबा और तालिबान जैसे आतंकी संगठनों को सेना के परोक्ष समर्थन को लेकर असैन्य सरकार और सैन्य प्रतिष्ठान के बीच तनातनी हुई थी।
खबर के बाद पत्रकार सायरिल अलमिदा के पाकिस्तान से बाहर जाने पर रोक लगा दी गई थी जिससे देश के पत्रकार संघ काफी आक्रोश जताया था। प्रतिष्ठित अखबार ने ‘निहित स्वार्थ और गलत रिपोर्टिंग’ के आरोपों को खारिज करते हुए एक संपादकीय प्रकाशित किया जिसमें कहा गया कि सरकार और सेना के बीच तनातनी से जुड़ी अलमिदा की खबर ‘विधिवत सत्यापित की गई है और यह पूरी तरह सही रिपोर्टिंग है।’
प्रधानमंत्री के कार्यालय ने पिछले छह अक्टूबर को खबर आने के बाद से दोनों प्रतिष्ठानों के बीच किसी तरह के तनाव से लगातार इनकार किया है। सेना ने कहा कि शुक्रवार की बैठक में प्रतिभागियों ने नियंत्रण रेखा के माहौल और सेना की अभियान संबंधी तैयारी पर खास ध्यान देते हुए आतंरिक और बाहरी सुरक्षा की स्थिति की व्यापक समीक्षा की।