बांग्लादेश मे 1971 के युद्ध अपराधों के दोषी जमात-ए-इस्लामी के शीर्ष नेता मीर कासिम अली को फांसी दिए जाने पर पाकिस्तान ने दुख जताया है। इसके चलते बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। बांग्लादेश ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त को समन जारी कर इस मसले पर जवाब मांगा है।मीडिया टाइकून और कट्टरपंथी नेता कासिम अली को शनिवार रात को ढाका के बाहरी इलाके में स्थित सेंट्रल जेल में फांसी पर लटका दिया गया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने रविवार को कहा, ‘गलत मुकदमों में विपक्षी नेताओं को फंसाकर उन्हें दबाने का प्रयास किया जा रहा है। यह लोकतंत्र की भावना के बिल्कुल विपरीत है।’
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Bangladesh govt summons acting Pakistani High Commissioner over Mir Quasem Ali’s execution reaction. (Source: Bangladesh Media)
— ANI (@ANI_news) September 4, 2016
अली ऐसे छठे व्यक्ति थे, जिन्हें बांग्लादेश में युद्ध अपराधों के दोष में फांसी पर लटकाया गया है। 2013 से अब तक 4 जमात नेताओं समेत 5 विपक्षी नेताओं को अब तक फांसी पर लटकाया जा चुका है। ‘डॉन’ की वेबसाइट के मुताबिक जकारिया ने बांग्लादेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘इन ट्रायल्स की शुरुआत के वक्त से ही तमाम अंतरराष्ट्रीय संगठन, ह्यूमन राइट्स ग्रुप और इंटरनैशनल लीगल एक्सपर्ट्स अदालती कार्यवाही पर सवाल उठाते रहे हैं। खासतौर पर आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों और गवाहों को प्रताड़ित किया जाता रहा है।’ पाकिस्तान की इस टिप्पणी से गुस्साई बांग्लादेश सरकार ने पाक उच्चायुक्त को तलब कर जवाब मांगा है। मीर कासिम अली को नवंबर 2014 में युद्ध अपराधों के लिए दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई गई थी।