पाकिस्तान बलूच नेता ब्रह्मदाग बुग्ती के प्रत्यर्पण के लिए इंटरपोल से मांगेगा मदद

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ब्रह्मदाग बुग्ती

भारत में राजनीतिक शरण लेने के लिए गृह मंत्रालय को आवेदन देनेवाले बलूच नेता ब्रह्मदाग बुग्ती को पाकिस्तान प्रत्यर्पित कराना चाहता है। पाकिस्तान के गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान ने इसके लिए इंटरपोल से मदद मांगने का फैसला किया है। इस्लामाबाद जल्द ही इंटरपोल को इस बारे में आधिकारिक पत्र लिखेगा। फिलहाल बुग्ती स्विटजरलैंड में शरण लिए हुए थे लेकिन वहां से शरण लेने की समय सीमा आगे बढ़ाए जाने से इनकार किए जाने के बाद अब उन्होंने भारत सरकार को आवेदन दिया है। इस्लामाबाद में शुक्रवार को नेशनल डेटाबेस रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी (NADRA) के मुख्यालय में खान ने कहा, “संघीय जांच एजेंसी आगामी कुछ दिनों में ब्रह्मदेव बुग्ती के प्रत्यर्पण के लिए इंटरपोल को औपचारिक पत्राचार करेगा।” गौरतलब है कि पाकिस्तान के गृह मंत्री का यह बयान तब आया है जब एक दिन पहले ही बलूच रिपब्लिकन पार्टी (BRP) प्रमुख बुग्ती ने जेनेवा स्थित भारतीय दूतावास पहुंचकर राजनीतिक शरण देने की प्रक्रिया के बारे में पूछताछ की थी।

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इस बीच, गृह मंत्रालय बुग्ती के आवेदन की छानबीन कर रहा है। बुग्ती बलूचिस्तान के राष्ट्रवादी नेता नवाब अकबर बुग्ती के पोते हैं, जिनकी साल 2006 में पाकिस्तानी सेना ने हत्या कर दी थी। फिलहाल वो स्विटजरलैंड में निर्वासित जीवन बिता रहे हैं। पाकिस्तान अक्सर शिकायत करता रहा है कि भारत अफगानिस्तान के माध्यम से जेनेवा में बुग्ती को मदद कर रहा है। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने भारत में बुग्ती के राजनीतिक शरण के लिए आवेदन देने पर नाराजगी जताई है और आरोप लगाया है कि इसके जरिए भारत बलूचिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। पाक गृह मंत्री खान ने उरी हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत बिना किसी ठोस सबूत के इस हमले के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहरा रहा है। उन्होंने कहा, “भारतीयों के पास जब कोई सबूत ही नहीं है तो पाकिस्तान किस आधार पर जांच करे। पाकिस्तान को बदनाम करना उनकी पुरानी आदत है।”

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