2 अक्टूबर को काटली में प्रदर्शनकारियों ने एक अहम कश्मीरी राष्ट्रवादी नेता आरिफ शाहिद की हत्या के मामले में निष्पक्ष जांच की मांग भी की थी। आरिफ ऑल पार्टी नैशनल अलायंस और जम्मू-कश्मीर लिब्रेशन कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष थे। उधर, बलूचिस्तान में पाकिस्तान की ज्यादतियों और मानवाधिकार उल्लंघनों के मामले भी आएदिन सामने आते रहते हैं। मालूम हो कि विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने भी संयुक्त राष्ट्र आम सभा में बलूच लोगों पर होने वाले अत्याचारों का मुद्दा उठाया था। बलूच नेता खुद भी लगातार वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान की ज्यादतियों का मसला उठाते रहते हैं।
If management doesn’t end Taliban’s terror camps and ‘no-go’ areas in Diamer, Gilgit, Baseen & others, then we’ll take action: Gilgit local pic.twitter.com/206QY35Vld
— ANI (@ANI_news) October 6, 2016
मुजफ्फराबाद स्थित ऑल पार्टी नैशनल अलायंस के अंदाजे के मुताबिक, ISI ने बीते दो सालों में आजादी की मांग कर रहे सौ से ज्यादा राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्याएं कराई हैं। एक ओर जहां पाकिस्तान दुनियाभर में कश्मीर का मुद्दा उठाकर वहां के लोगों के साथ अपनी सहानुभूति जताता है और भारत का ‘कब्जा’ खत्म कर ‘आजाद कश्मीर’ की वकालत करता है, वहीं PoK में नाराज भीड़ ‘कश्मीरियों की हत्यारी पाकिस्तानी सेना’, ‘ISI से ज्यादा वफादार कुत्ते’ जैसे नारे लगा रही है।
पाकिस्तान, भारत की तरफ से किए गए सर्जिकल अटैक को भी लगातार नकारता आया है। जबकि भारत ने कहा था कि उसका यह ऑपरेशन PoK स्थित उन आतंकी लॉन्च पैड्स के विरुद्ध है, जिनको भारत में आतंकी नेटवर्क सप्लाइ करने में किया जाता है। लेकिन पाक ने इस बात को भी नकार दिया। पर अब PoK के लोगों द्वारा आतंकी शिविरों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन से पाक के झूठ का पर्दाफ़ाश हो चुका है।