<strong>नई दिल्ली। </strong>चीन-पाकिस्तान के बीच व्यापार के लिए बने चाइना-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर(सीपीईसी) को लेकर पाकिस्तानी सांसदों को यह चिंता सताने लगी है कि इससे पाक को नहीं बल्कि भारत को ज्यादा फायदा हो सकता है।
उनका मानना है कि इस कॉरिडोर से पाकिस्तान को कम लेकिन भारत को ज्यादा फायदा होगा, लिहाजा यह देशहित में नहीं है। इस कॉरिडोर पर 46 बिलियन डालर की राशि खर्च हो रही है। कुछ सांसदों ने नेशनल असेंबली में सीनेट की स्टेंडिंग कमेटी की बैठक के दौरान इसको लेकर सवाल उठाए हैं।
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाक सांसदों ने शक व्यक्त किया है कि सीपीईसी का प्रयोग चीन भारत के साथ अपने व्यापारिक संबंधो के लिए कर सकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि संसद की योजना और विकास के लिए बनाई गई स्टैंडिंग कमेटी ने महसूस किया है कि चीन इस कोरिडोर का प्रयोग दूसरे देशों के साथ व्यापार के नए रास्ते बनाने के लिए कर सकता है। इसमें भारत के साथ-साथ यूरोप और मध्य एशिया के दूसरे देश हैं।
कमेटी के अध्यक्ष सैयद ताहिर हुसैन मशहादी का कहना था कि इस कॉरिडोर के बन जाने से भारत के साथ रेल और रोड लिंक में सुधार होगा। उनके मुताबिक चीन इसका निर्माण न सिर्फ मध्य एशिया और यूरोप में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए कर रहा है, बल्कि भारत से भी उसके व्यापारिक रिश्ते बेहतर हो सकते हैं।