एक नये सर्वेक्षण में खुलासा किया गया है कि भारत में घटती प्रजनन दर के चलते वर्ष 2055-60 के दौरान हिंदुओं की जनसंख्या में भारी गिरावट आएगी। दुनिया के 94 फीसदी हिंदू भारत में रहते हैं।
प्यू रिसर्च सेंटर का यह अध्ययन यह भी कहता है कि उसके अगले दो दशक के अंदर दुनियाभर में मुस्लिम महिलाओं से पैदा होने वाले बच्चों की संख्या नवजात ईसाई शिशुओं से बढ़ने की संभावना है और इस तरह, 2075 तक इस्लाम दुनिया का सबसे बड़ा धर्म बन जाएगा।
वर्ष 2015 के उपरांत ईसाई और मुस्लिम महिलाओं के लगातार बढ़ती संख्या में शिशुओं के जन्म देने की संभावना है, यह रूझान 2060 के बाद भी जारी रहेगी।
लेकिन मुस्लिम शिशुओं की तेजी से बढ़ सकती है- इतनी तेजी से कि वर्ष 2035 तक उनकी संख्या ईसाई नवजात शिशुओं से आगे निकल जाएगी। इन दोनों पंथों के बीच शिशुओं की संख्या के बीच अंतर 60 लाख तक पहुंच सकती है, यानी मुस्लिामों के बीच 23.2 करोड़ शिशु बनाम ईसाइयों के बीच 22.6 करोड़ शिशु।