नई दिल्ली। दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत माउंट एवरेस्ट क्या छोटा हो गया है? इसी सच्चाई का पता लगाने के लिए भारतीय सर्वेक्षण विभाग जल्द ही माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई दोबारा मापेगा। दरअसल, भारतीय सर्वेक्षण विभाग यह पता लगाएगा कि नेपाल में दो साल पहले आए भयंकर भूकंप के बाद विश्व की सबसे ऊंची चोटी की ऊंचाई वास्तव में कम हुई है या नहीं?
सर्वेक्षण विभाग के महासर्वेक्षक स्वर्ण सुब्बा राव ने मंगलवार (24 जनवरी) को बताया कि ‘हम एक अभियान दल को माउंट एवरेस्ट के लिए रवाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एवरेस्ट की ऊंचाई की घोषणा, अगर मैं गलत नहीं हूं तो 1855 में की गई थी। बहुत से लोगों ने इसकी ऊंचाई नापी, लेकिन भारतीय सर्वेक्षण विभाग की माप को आज भी सही ऊंचाई माना जाता है।
यह अभियान ऐसे समय चलाया जा रहा है जब माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को लेकर वैज्ञानिक समुदाय की ओर से शंकाएं व्यक्त की गई हैं। दरअसल, नेपाल में दो साल पहले आए भूकंप के बाद से वैज्ञानिक समुदाय को ऊंचाई कम होने का संदेह है।
राव ने कहा कि भारतीय सर्वेक्षण विभाग के अनुसार एवरेस्ट की ऊंचाई 29,028 फुट है, हम इसे दोबारा नापने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नेपाल में दो साल पहले भीषण भूकंप आया था, इसके बाद से ही वैज्ञानिक समुदाय को शक है कि एवरेस्ट सिकुड़ रहा है, इसलिए दोबारा नाप कराने का यह मुख्य कारण है।